Sunday, March 6, 2011

आज मुझे बचपन याद आया

आज मुझे बचपन याद आया 
वो मिटटी में लोटना 
वो गलियों में घूमना 
निश्चिंत सा
आज मुझे वो सब याद आया
न जाने क्यूँ 
वो दादी का प्यार 
वो दादा का गुस्सा 
वो चाचा की चोकलेट
आज मुझे वो सब याद आया
स्कूल न जाने के वो  लाखों बहाने
वो भैया से झगडा 
न जाने क्यूँ आज मुझे वो सब याद आया

1 comment:

  1. जब -जब तुम बेहद तनहा होगे ,
    मायूसी को होठों पे लेकर मुस्काओगे,
    बहार -बहार यूं ही हंसोगे ,भीतर अश्क बहाओगे ,
    तब- तब तुमको कुछ याद आएगा ,
    वो कुछ और नहीं तुम्हारा बचपन होगा

    ReplyDelete