आज मुझे बचपन याद आया
वो मिटटी में लोटना
वो गलियों में घूमना
निश्चिंत सा
आज मुझे वो सब याद आया
आज मुझे वो सब याद आया
न जाने क्यूँ
वो दादी का प्यार
वो दादा का गुस्सा
वो चाचा की चोकलेट
आज मुझे वो सब याद आया
स्कूल न जाने के वो लाखों बहाने
वो भैया से झगडा
न जाने क्यूँ आज मुझे वो सब याद आया
जब -जब तुम बेहद तनहा होगे ,
ReplyDeleteमायूसी को होठों पे लेकर मुस्काओगे,
बहार -बहार यूं ही हंसोगे ,भीतर अश्क बहाओगे ,
तब- तब तुमको कुछ याद आएगा ,
वो कुछ और नहीं तुम्हारा बचपन होगा