Sunday, March 27, 2011

वे याद आते हैं

मौत तो  एकदिन सबको आती है
फिर भी 
 कुछ ऐसे लोग भी होते हैं 
जो जिन्दगी के कोने में 
कुछ  ऐसे काम
कुछ ऐसी वजहें
छोड़ जाते हैं 
जिनकी वजह से 
वे याद आते हैं 
{यह मेरी श्रद्धांजलि है , भगत सिंह , सुखदेव व राजगुरु को जिनका यह राष्ट्र आजीवन ऋणी रहेगा उनके prati कृतज्ञता प्रकट करेगा }

Friday, March 11, 2011

चंचलता

जो मै चाहता हूँ क्या वह हमेशा 
हो ही जाता है 
शायद नहीं 
पर क्यूँ 
न जाने
फिर से मै कुछ और 
चाहने की जुर्रत कर बैठता हूँ
ऐसा क्यूँ है 
शायद यह मेरा अहंकार  है
या मेरी अभिलाषा है 
या फिर मेरा विश्वाश 
कि जो मै चाहता हूँ 
वह मुझे मिलेगा 
या यह मेरे मन कि चंचलता है 
जो मुझसे 
यह कहता है 
चल कुछ और चाह 
कुछ और मांग 
शायद वह 
पूरी हो जाये  

Sunday, March 6, 2011

आज मुझे बचपन याद आया

आज मुझे बचपन याद आया 
वो मिटटी में लोटना 
वो गलियों में घूमना 
निश्चिंत सा
आज मुझे वो सब याद आया
न जाने क्यूँ 
वो दादी का प्यार 
वो दादा का गुस्सा 
वो चाचा की चोकलेट
आज मुझे वो सब याद आया
स्कूल न जाने के वो  लाखों बहाने
वो भैया से झगडा 
न जाने क्यूँ आज मुझे वो सब याद आया